Swapandosh Ke Karan Aur Desi Ayurvedic Upay Kya Hai?
स्वप्नदोष के कारण और देसी आयुर्वेदिक उपाय क्या हैं?
क्या होता है स्वप्नदोष(Nightfall)?
जब कोई स्त्री या पुरूष स्वप्न में उत्तेजक या कामुक दृश्य देखने के दौरान स्खलित हो जाये तो उस अवस्था को स्वप्नदोष कहा जाता है। यदि ऐसा 2-3 माह में एक से दो बार होता है, तो यह कोई दोष या रोग नहीं है, बल्कि युवा उम्र में ऐसा होना स्वाभाविक प्रक्रिया है। हां, यदि बार-बार और लगातार नींद में वीर्य स्खलित हो जाता है, तो यह दोष व रोग कहलाता है। तब कहीं जाकर इसे स्वप्नदोष माना जायेगा।
क्यों हो जाता है एकदम से नींद में वीर्य स्खलित?
दरअसल युवाओं में विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण बहुत अधिक होता है, जोकि नेचुरल है। ऐसे में हर वक्त एक-दूसरे के अंग-प्रत्यंगों के बारे में सोचते रहने से, गुप्तांगों के बारे में मन ही मन कल्पना करते रहने से, या फिर कोई अश्लील चित्र या वीडियो देखने से दिमाग में अश्लीलता ही छायी रहती है। तन में छिपी कामवासना अंदर ही अंदर कहीं कोने में हिलोरे मार रही होती है।
फिर यही छिपी वासना स्वप्न में प्रतिबिम्ब लेकर प्रदर्शित होने लगती है। स्त्री को लगता है वो पुरूष के साथ और पुरूष को लगता है वो स्त्री के साथ सचमुच सेक्स का आनंद ले रहे हैं और देखते ही देखते वीर्य स्खलित हो जाता है। फिर जागने पर अंग-वस्त्र गीला मिलता है, जिसे देखकर रोगी को आत्मगिलानी होने लगती है।
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स्वप्नदोष के प्रमुख कारण-
1. नग्न उत्तेजक चित्र देखना
2. गंदे विचार
3. बहुत ज्यादा संभोग करना
4. हस्तमैथुन की लत
5. अप्राकृतिक मैथुन
6. कब्ज बने रहना
7. बदहजमी
8. पेट के बल सोना
9. अविवाहित रहना
10. रोमांटिक व अश्लील साहित्य पढ़ना
11. वीर्य की अधिकता
12. वीर्य शारीरिक दुर्बलता
13. मूत्राशय की खराश
14. नशीली वस्तुयें जैसे शराब आदि का अधिक सेवन, गर्म मसाले और खट्टे भोजन अधिक खाने से भी यह दोष उत्पन्न हो जाता है।
स्वप्नदोष दूर करने के देसी आयुर्वेदिक उपाय-
1. भोजन के बाद प्रतिदिन 1-2 पके केले खायें अथवा प्रतिदिन सवेरे पके केले पर 2-4 बूँद शहद डालकर खाने से स्वप्नदोष एवं वीर्य विकार नष्ट व दूर हो जाते हैं और वीर्य की वृद्धि होती है। वीर्य का निकलना ठीक हो जाता है।
2. प्रतिदिन सुबह-शाम गुलाब के ताजा फूल 4-5 मिश्री के साथ पीस घोंटकर गाय के दूध में घोलकर पीने से स्वप्नदोष ठीक हो जाता है।
3. गर्मी के मौसम में कतीरा गोंद 10 ग्राम प्रतिदिन रात को पानी 125 मि.ली. में भिगो दें। अगले दिन सवेरे इसे पानी में अच्छी प्रकार घोंट कर मिश्री 25 ग्राम मिलाकर सेवन करें। 2-3 सप्ताह में स्वप्नदोष ठीक हो जायेगा। यह योग शीतल प्रकृति का है, अतः सर्दियों या बरसात में मत लें।
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4. उपरोक्त योग में कतीरा गोंद के स्थान पर बबूल का गोंद लिया जाये और उसी प्रकार भिगो घोट कर, मिश्री मिलाकर सेवन किया जाये तो 21 दिन में स्वप्नदोष से मुक्ति मिल जाती है।
5. इमली के बीज को दूध में भिगो दें। फूल जाने के बाद या उबालने के बाद छिलका उतार दें। अब छिली हुई गिरियों को तोल कर खरल करें। समान वज़न मिश्री भी मिलाकर अच्छी प्रकार घोटने के बाद जंगली बेर के बराबर गोलियाँ बना लें। प्रतिदिन सुबह-शाम 1-1 गोली गाय के दूध के साथ सेवन करें। स्वप्नदोष ठीक होगा। गर्म, खट्टे एवं गरिष्ठ पदार्थ(भोजन) मत खायें।
Swapandosh Ke Karan Aur Desi Ayurvedic Upay Kya Hai?
6. चन्द्रप्रभावटी के नियमित प्रयोग से भी स्वप्नदोष दूर हो जाता है।
7. त्रिफले या जौ का काढ़ा रात को तैयार कर लें। अगले दिन सुबह इस काढ़े में शहद मिलाकर पी लिया करें। स्वप्नदोष अवश्य ठीक होगा।
याद रखें- प्रमेह और स्वप्नदोष के रोगी को कब्ज़ नहीं हो, अन्यथा किसी भी औषधि से लाभ नहीं होगा।
8. कबाब चीनी का चूर्ण डेढ़ से दो ग्राम शहद के साथ रात को चाट लेने से स्वप्नदोष दूर हो जाता है।
9. यदि कब्ज़ हो तो प्रतिदिन रात को गुलकन्द 25 ग्राम खाकर गर्म दूध पीने अथवा प्रतिदिन रात को हरड़ का मुरब्बा खाकर दूध पीने से लाभ होता है।
10. मोचरस का चूर्ण 6 ग्राम और मिश्री 50 ग्राम दूध में मिलाकर प्रतिदिन 2-3 माह तक प्रयोग करने से स्वप्नदोष दूर हो जाता है।
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