Swapandosh Ki Samasya Se Chutkara Pane Ke Desi Upay
स्वप्नदोष के कारण और निवारण(Nightfall Treatment)-
सुप्तावस्था में वीर्य का स्खलित होना। स्वप्नदोष कहलाता है। काफी समय से सम्भोग ना करना, अश्लील पुस्तकें पढ़ना, अश्लील चित्र देखना, कामवृत्ति को जगाने वाली बातों में अधिक रूचि लेना, वीर्यवर्धक औषधियों का अधिक प्रयोग करना, अप्राकृतिक मैथुन का आदी होना, स्वप्नदोष के कारण हैं।
यदि आप अपनी पत्नी, प्रेमिका या नायिका से दूर रहने के कारण सम्भोग नहीं कर रहे हों, तो मास में 2-3 या 4 बार तक स्वप्नदोष हो जाना चिंता की बात नहीं है। लेकिन इससे अधिक होना या सम्भोग बीच-बीच में करने के बाद भी स्वप्नदोष होना शरीर का अस्वस्थता का परिचायक है। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो सम्भोग करके सोते हैं, फिर भी स्वप्नदोष हो जाता है। ऐसे लोगों की स्थिति काफी चिंताजनक होती है। इन्हें रोगोत्पत्ति के कारणों से यथासंभव बचना चाहिए। सात्विक विचार, व्यवहार एवं वातावरण को अपनाना चाहिए। सद्ग्रन्थों में रूची लेनी चाहिए। अन्यथा बराबर वीर्य की कमी(क्षरण) होने से सम्भोग में सफलता और आनंद का अभाव होने लगता है और धातु पतला होने लगता है। यदि समय पर चिकित्सा नहीं की जाये तो रोगी नपुंसक, हीनभावना, ग्लानि आदि का शिकार हो सकता है। यदि रोगी शादीशुदा हो तो स्थिति और भी गंभीर हो जाती है।
आप यह आर्टिकल swapndosh.co.in पर पढ़ रहे हैं..
यहां कुछ ऐसे योग बताये जा रहे हैं, जो लाभदायक होने के साथ-साथ निरापद(हानिरहित) भी हैं।
1. भोजन के बाद प्रतिदिन एक या दो केले नियमित प्रतिदिन सुबह शहद की 2-4 बूंदे डालकर खायें। स्वप्नदोष एवं वीर्य विकारों में लाभ होगा। धैर्य के साथ लगातार सेवन करें।
2. प्रतिदिन सुबह-शाम 3 से 5 दिन तक गुलाब के ताजा फूल मिश्री के साथ घोंटकर गाय के दूध के साथ मिलाकर पीने से स्वप्नदोष नहीं होता है।
3. गर्मियों में(ग्रीष्म ऋतु में) गोंद कतीरा 10 ग्राम प्रतिदिन रात को पानी 100 मि.ली. में भिगो दें। सवेरे फूलकर लुआबदार हो जायेगा।
4. बबूल का गोंद 10 ग्राम प्रतिदिन रात को पानी 100 मि.ली. में भिगो दें। सवेरे मिश्री 20 ग्राम मिलाकर घोंटकर पीने को दें। ऐसा प्रतिदिन सेवन करने से 21 दिन में स्वप्नदोष ठीक हो जाता है। इस योग को किसी भी मौसम में ले सकते हैं।
Swapandosh Ki Samasya Se Chutkara Pane Ke Desi Upay
5. इमली के बीज 200 ग्राम दूध में भिगोकर दें। अच्छी प्रकार फूल जाने के बाद छिलका उतार लें। इमली के गिरी(मींगियों) का वजन कर लें। अब मींगियों को घोंटकर, इसके वजन के बराबर मिश्री मिलाकर, घोंटकर जंगली बेर के बराबर गोलियाँ बना लें। सुबह-शाम एक-दो गोली सेवन करने से स्वप्नदोष से मुक्ति मिल जाती है। औषधि जल से लें। गर्म तथा भारी भोजन मत दें।
यह भी पढ़ें- संभोग
6. बबूल के कोमल पत्ते 6 से 10 ग्राम प्रतिदिन सवेरे शीतल जल पीने से स्वप्नदोष एवं प्रमेह ठीक हो जाता है। बहुत ही उपकारी योग है।
7. गाय के दूध आधा लीटर 3-4 छुहारे उबाल कर मिश्री 20-30 ग्राम भी डाल दें। जब दूध आधा रह जाये तो छुहारे की गुठली निकाल कर छुहारा खाकर दूध पी लें। प्रतिदिन लेने से स्वप्नदोष, शीघ्रपतन एवं वीर्य का पतलापन आदि में लाभ होता है। यह योग अन्य लोगों की अपेक्षा जाड़ों में अधिक उपयोगी है।
8. शुद्ध गंधक 2 ग्राम और 2-3 वर्ष का पुराना गुड़ 10 ग्राम मिलाकर प्रतिदिन धारोष्ण गोदुग्ध के साथ लेने से स्वप्नदोष एवं समस्त प्रकार का प्रमेह दूर हो जाता है।
9. त्रिफला का क्वाथ(काढ़ा) या जौ का काढ़ा रात को तैयार कर रख दें। प्रातः सेवन करें। यदि काढ़ा जौ का हो तो थोड़ा शहद मिला लें। ऐसा प्रतिदिन सेवन करने से स्वप्नदोष ठीक हो जाता है। त्रिफला क्वाथ बना बनाया भी मिल जाता है। यदि स्वयं क्वाथ तैयार करने में असमर्थ हों तो बाजार से लेकर प्रतिदिन दो मात्रायें लें।
10. बड़ा गोखरू का फाँट सुबह-शाम लेने से स्वप्नदोष ठीक हो जाता है।
यह भी पढ़ें- मर्दाना ताकत पायें
11. शुष्म धनिया चूर्ण 3-6 ग्राम खाँड में मिलाकर प्रतिदिन रात को सोने से पहले लें।
12. शतावरी, असगन्ध नागौरी, बिधारा की जड़ समभाग चूर्ण बनाकर बराबर मात्रा में खाँड मिला दें। 2-3 ग्राम प्रतिदिन गाय के दूध के साथ सेवन करने से लाभ होता है।
नोट- मूत्र करने के बाद या पाखाना करने के समय मामूली जोर लगाने से भी यदि वीर्य निकल जाये, तो इसे वीर्य प्रमेह कहते हैं। इसमें भी वही योग उपयोगी है, जो स्वप्नदोष में उपयोगी हैं।
सेक्स समस्या से संबंधित अन्य जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें..http://chetanonline.com/